कंप्यूटर क्या है ? what is computer in hindi |types & history
कंप्यूटर क्या है ? what is computer in hindi |types & history
सबसे पहले कंप्यूटर का परिचय जान लेते हैं कंप्यूटर शब्द अंग्रेजी के "Compute" शब्द से बना है, जिसका अर्थ है "गणना",
करना होता है इसीलिए इसे गणक या संगणक या अभिकलक यंत्र भी कहा जाता है और इसका अविष्कार Calculation
करने के लिये हुआ था सीधी भाषा मेंं कंप्यूटर Calculation करने वाली मशीन थी, जैसे आपका कैलकुलेटर or
कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जिसे अंकगणित या तार्किक संचालन के एक सेट को स्वचालित रूप से करने के लिए प्रोग्राम किया जा सकता है। यही है कंप्यूटर क्या है का सबसे आसान जवाब।
कंप्यूटर की कार्य प्रणा
कंप्यूटर क्या है
ली (Computer Functions)
कंप्यूटर के कार्यप्रणाली की प्रक्रिया एक चरणबद्ध तरीके से पूरी होती है
इनपुट (Input) → प्रोसेसिंग (Processing) → आउटपुट (Output)
इनपुट के लिये अाप की-बोर्ड, माउस इत्यादि इनपुट डिवाइस का प्रयोग करते हैं साथ ही कंप्यूटर को सॉफ्टवेयर के माध्यम से कंमाड या निर्देश देते हैं या डाटा एंटर करते हैं।
यह इस प्रक्रिया का दूसरा भाग है इसमें अापके द्वारा दी गयी कंमाड या डाटा को प्रोसेसर द्वारा सॉफ्टवेयर में उपलब्ध जानकारी और निर्देशों के अनुसार प्रोसेस कराया जाता है।
तीसरा अौर अंतिम भाग आउटपुट इसमें आपके द्वारा दी गयी कंमाड के अाधार पर प्रोसेस की गयी जानकारी का आउटपुट कंप्यूटर द्वारा आपको दिया जाता है जो आपको आउटपुट डिवाइस द्वारा प्राप्त हो जाता है।
कंप्यूटर को ठीक प्रकार से कार्य करने के लिये सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों की अावश्यकता होती है। अगर सीधी भाषा में कहा जाये तो यह दोनों एक दूसरे के पूरक हैं। बिना हार्डवेयर सॉफ्टवेयर बेकार है और बिना
सॉफ्टवेयर हार्डवेयर बेकार है। मतलब कंप्यूटर सॉफ्टवेयर से हार्डवेयर कमांड दी जाती है किसी हार्डवेयर को कैसे कार्य करना है उसकी जानकारी सॉफ्टवेयर के अन्दर पहले से ही डाली गयी होती है।
कंप्यूटर के सीपीयू से कई प्रकार के हार्डवेयर जुडे रहते हैं, इन सब के बीच तालमेल बनाकर कंप्यूटर को ठीक प्रकार से चलाने का काम करता है सिस्टम सॉफ्टवेयर यानि ऑपरेटिंग सिस्टम।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर के प्रकार - Types Of Computer in Hindi<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
लेकिन कंप्यूटर का मतलब सिर्फ उसी कंप्यूटर से नहीं है जो आपके घरों में आमतौर पर पाये जाते हैं,
कार्य पद्धति आधार पर कंप्यूटर का वर्गीकरण तीन प्रकार से किया गया है इसमें
1- एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer),
2- डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer),
3- हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) इन तीनों की अपनी अपनी विशेषतायें हैं तो आइये जानते हैं क्या होता है डिजिटल, एनालॉग और हाइब्रिड कंप्यूटर
एनालॉग कंप्यूटर क्या है (What is Analog Computer)
इनका प्रयोग भौतिक इकाइयों दाब, तापमान, लंबाई, गति आदि को मापने में किया जाता है,
चलिये थोडा और समझते हैं, बात करते हैं मौसम विज्ञान की आपको हवा का दबाब,
वातावरण में नमी या बारिश कितनी हुई या आज का सबसे कम या सबसे ज्यादा तापमान कितना था
इन सब के आंकडें इकठ्ठा करने के लिये एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer) बनाये गये हैं
वर्षामापी (रेन गेज) - इससे किसी विशेष स्थान पर हुई वर्षा की मात्रा नापी जाती हैं
आर्द्रतामापी (हाइग्रोमीटर) - इससे वायुमण्डल में व्याप्त आर्द्रता नापी जाती है
एनिमोमीटर - इससे वायु की शक्ति तथा गति को नापा जाता है
डिजिटल कंप्यूटर क्या है (What is Digital Computer)
डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer) वह कंप्यूटर होते हैं जिन्हें आप आमतौर पर प्रयोग करते हैं अपने घरों में, कार्यालयों में,
जिसमें डिजिटल तरीके से डाटा को फीड किया जाता है और आउटपुट प्राप्त किया जाता है अधिकतक डिजिटल कंप्यूटर ही प्रयोग में आते हैं
और बाजारों में आमतौर पर उपलब्ध रहते हैं डिजिटल कंप्यूटर डाटा और प्रोग्राम को 0 और 1 यानि बायनरी में परिवर्तित करके उसको इलेक्ट्रॉनिक रूप में ले जाते है।
हाइब्रिड कम्प्यूटर क्या है (What is Hybrid Computer)
हाइब्रिड कम्प्यूटर (Hybrid Computer) में एनालॉग कंप्यूटर Analog Computer) और डिज़िटल कम्प्यूटर (Digital Computer)
दोनों के ही गुण होते है। ये कंप्यूटर एनालाॅग और डिजिटल से अधिक भरोसेमंद माने जाते हैं इनका काम होता है एनालॉग कंप्यूटर (Analog Computer)
से प्राप्त आंकडों को डिज़िटल रूप में उपलब्ध कराना, चिकित्सा, मौसम विज्ञान में इनका सबसे ज्यादा प्रयोग होता है
कंप्यूटर की फुल फॉर्म क्या होती है full name of computer in hindi
C= Common
O= Oriented
M= Machine
P= Particularly
U= United and used under
T= Technical and
E= Educational
R= Research
Computer Full Form - (Common Oriented Machine Particularly United and used under Technical and Educational Research).
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर में निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं: speed, accuracy, reliability, और versatility।<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
Speed
बड़ी मात्रा में डेटा संसाधित करने में एक कंप्यूटर मानव की तुलना में तेज़ है क्योंकि यह कई गणनाओं को तेज़ी से कर सकता है।
Accuracy
वैज्ञानिक और डेटा विश्लेषक वैज्ञानिक अनुसंधान और डेटा विश्लेषण जैसे सटीक परिणामों की आवश्यकता वाले कार्यों के लिए कंप्यूटर का उपयोग करते हैं,
क्योंकि वे उच्च स्तर की सटीकता के साथ गणना कर सकते हैं।
Reliability
जहाँ तक कंप्यूटर का संबंध है, वे अत्यधिक विश्वसनीय होने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं, जिसका अर्थ है कि वे बिना टूटे या खराबी के बहुत लंबे समय तक लगातार चल सकते हैं।
Versatility
उद्देश्यों की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए कंप्यूटर का उपयोग करना अत्यंत बहुमुखी है, और यह बहुमुखी प्रतिभा उन्हें विज्ञान और इंजीनियरिंग से लेकर व्यवसाय और मनोरंजन के साथ-साथ कई अन्य क्षेत्रों में उपयोग करने की अनुमति देती है।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर कैसे चलाते हैं?<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
कुछ लोगों के लिए, कंप्यूटर का उपयोग करना समझना मुश्किल हो सकता है। यह खंड आपको यह समझने में मदद करेगा कि अपने कंप्यूटर को आसानी से कैसे संचालित किया जाए।
आप सोच रहे होंगे कि आप एक ही समय में कीबोर्ड और माउस का उपयोग कैसे कर सकते हैं? खैर, यह इतना जटिल नहीं है! इसे कैसे करें, इसके बारे में यहां कुछ निर्देश दिए गए हैं:
1. माउस पॉइंटर को उस आइकन या अक्षर पर ले जाएं, जिस पर आप क्लिक करना चाहते हैं।
2. बाईं माउस बटन को दबाकर रखें।
3. पॉइंटर को उस स्थान पर खींचें जहां आप क्लिक करना चाहते हैं।
4. वांछित गंतव्य तक पहुंचने पर बाएं माउस बटन को छोड़ दें।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया?<<<<<<<<<<<<<<<<<
Father Of Computer Charles Babbage
आधुनिक कंप्यूटर का जनक किसे कहा जाता है? ऐसे तो बहुत से लोगों ने इस Computing Field में अपना योगदान दिया है।
लेकिन इन सब में से ज्यादा योगदान Charles Babage का है। क्यूंकि उन्होंने ही सबसे पहले Analytical Engine सन 1837 में निकला था।
उनके इस engine में ALU, Basic Flow Control और Integrated Memory की concept लागु की गयी थी। इसी model
पे ही Base करके आजकल के कंप्यूटर को design किया गया। इसी कारन उनका योगदान सबसे ज्यादा है। तभी उनको कंप्यूटर के
जनक के नाम से भी जाना जाता है।
>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर का कार्य<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
Input (Data): Input वो step है जिसमे की Raw Information को Input Device इस्तमाल करके कंप्यूटर में डाला जाता है। ये कोई letter, पिक्चर या कोई विडियो भी हो सकता है।
Process: Process के दौरान input हुए data को instruction के अनुसार processing की जाती है। ये पूरी तरह से Internal प्रोसेस है।
Output: Output के दौरान जो data पहले से proces हो चुकी हैं उसको Result के तोर में show किया जाता है। और यदि हम चाहें तो इस result को save कर के Memory
में रख भी सकते हैं Future के इस्तमाल के लिए।
>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर के मुख्य भाग<<<<<<<<<<<<<<<<
यदि आपने कभी किस कंप्यूटर case के भीतर देखा होगा तो आपने ये जरुर पाया होगा की अन्दर छोटे छोटे कई components होते है,
वो बहुत ही ज्यादा complicated दिखते हैं, पर वो actually में उतने complicated नहीं होते। अब में आप लोगों को इन्ही components बारे में कुछ जानकारी दूंगा।
Motherboard
किसी भी कंप्यूटर का मुख्य circuit board को Motherboard कहा जाता है। ये एक पतली प्लेट की तरह दीखता है पर ये बहुत सी चीज़ों की धारण किया हुए होता है।
जैसे CPU, Memory, Connectors hard drive और Optical Drive के लिए, expansion card Video और Audio को control करने के लिए,
इसके साथ साथ कंप्यूटर के सभी Ports को connection। देखा जाये तो Motherboard कंप्यूटर के सारे पार्ट्स के साथ directly या in directly जुड़ा हुआ होता है।
CPU/Processor
क्या आप जानते है Central Processing Unit यानि CPU क्या है? इसको भी कहा जाता है। ये कंप्यूटर case के अन्दर Motherboard में पाया जाता है।
इसे कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है। ये किसी Computer के भीतर ही रहे सारे गतिविधियों के ऊपर नज़र रखे हुए होता है। जितनी ज्यादा एक Processor
की speed होगी उतनी ही जल्दी ये processing कर पायेगा।
RAM
RAM को हम Random Acess Memory के नाम से भी जानते हैं। ये System का Short Term Memeory होता है। जब भी कभी कंप्यूटर कुछ कैलकुलेशन करता हैं तब
ये temporarily उस result को RAM में save कर देता हैं। अगर कंप्यूटर बंद हो जाये तो ये डाटा भी खो जाता है। यदि हम कोई document लिख रहे हों
तब उसे नष्ट होने से बचने के लिए हमें बिच बिच में अपने डाटा को save करना चाहिए। Save करने से Data Hard Drive में save हो तो ये लम्बे समय तक रह सकती है।
RAM को megabytes (MB) or gigabytes (GB) में मापा जाता हैं । जितना ज्यादा RAM होगा उतना हमरे लिए अच्छा हैं।
Hard Drive
Hard Drive वो component है जहाँ software, documents और दुसरे file को save किया जाता है। इसमें data लम्बे समय तक store होकर रहता है।
Power Supply Unit
Power supply unit का काम होता है की Main Power Supply से पॉवर लेकर उसे जरुरत के अनुसार दुसरे components में Supply करना।
Expansion Card
सभी Computers के Expansion Slots होते हैं जिससे की हम Future में कोई Expansion Card को add कर सकें। इन्हें PCI (Peripheral Components Interconnect)
card भी कहा जाता है। लेकिन आज कल के Motherboard में built in ही कई Slots पहले से होते हैं। कुछ Expansion Card के नाम जो हम पुराने computers को update
करने के लिए इस्तमाल कर सकते हैं।
1.>mVideo Card
2.> Sound card
3.> Network Card
4.> Bluetooth Card (Adapter)
यदि आप कभी computer के भीतरी चीज़ों को खोल रहे हैं तब आपको सबसे पहले मुख्य Socket से Plug का निकलना चाहिए।
>>>>>>>>>>>कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर<<<<<<<<<<
Computer hardware को हम कोई ऐसी Physical Device कह सकते हैं जिसे हम अपने कंप्यूटर में इस्तमाल करते हैं,
वहीँ Computer Software का मतलब है codes का collection जिसे हम अपने Machine के Hard Drive में install करते हैं hardware को चलने के लिए।
उदहारण के तोर पे कंप्यूटर मॉनिटर जो हम पड़ने के लिए इस्तमाल करते हैं, Mouse जिसे हम Navigate करने के लिए इस्तमाल करते हैं ये सब Computer Hardware हैं।
वहीँ Internet Browser जिससे हम website visit करते हैं, और Operating System जिसमे की वो Internet Browser run होता है। ऐसी चीज़ों को हम Software कहते हैं।
हम ये कह सकते हैं की एक कंप्यूटर Software और Hardware का समिश्रण है, दोनों की सामान भूमिकाएं हैं, दोनों साथ मिलकर ही कोई काम कर सकते हैं।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर के प्रकार<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
कंप्यूटर एक प्रकार की मशीन है जिसका उपयोग लोग सूचनाओं की गणना करने के लिए करते हैं।
कंप्यूटर को अक्सर आधुनिक दुनिया का दिमाग कहा जाता है क्योंकि इनका उपयोग लगभग हर
उद्योग में और कई अलग-अलग उद्देश्यों के लिए किया जाता है।
कंप्यूटर दो प्रकार के होते हैं, एनालॉग और डिजिटल। एनालॉग कंप्यूटरों को कम शक्ति की आवश्यकता होती है लेकिन उन्हें डेटा
संसाधित करने के लिए अधिक समय की आवश्यकता होती है, जबकि डिजिटल कंप्यूटरों को अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है
लेकिन डेटा संसाधित करने के लिए कम समय की आवश्यकता होती है।
जब भी हम कभी कंप्यूटर शब्द का इस्तमाल सुनते हैं तब हमारे मन में बस Personal कंप्यूटर का ही चित्र आता है। में आप लोगों को बता दूँ की
Computers बहुत सारे प्रकार के होते हैं। विविन्न Shapes और Size के आते हैं। जरुरत के अनुसार हम इनका इस्तमाल करते हैं जैसे की ATM पैसे निकालने के लिए,
Scanner किसी Barcode को स्कैन करने के लिए, Calculator किसी बड़ी calculation करने के लिए। ये सारे different types के Computer हैं।
1. Desktop
बहुत से लोग Desktop कंप्यूटर का इस्तमाल अपने घरों, स्कूलों और अपने Personal काम के लिए करते हैं। इनका डिजाईन कुछ इस प्रकार से होते हैं कि इन्हें हम अपने desk पर रख सकें।
इनके बहुत सारे Parts होते हैं जैसे Monitor, Keyboard, Mouse, कंप्यूटर Case।
2. Laptop
Laptop के बारे में आप तो जानते ही होंगे जो की Battery Powered होते हैं, ये बहुत ही ज्यादा portable होते हैं जिससे इन्हें कहीं भी और कभी भी ले जाया जा सकता हैं।
3. Tablet
अब बात करते हैं Tablet की जिसे हम Handheld कंप्यूटर भी कहते हैं क्यूंकि इसे बड़ी आसानी से हातों में पकड़ा जा सकते है।
इसमें Keyboard और Mouse नहीं होते, बस एक touch Sensitive स्क्रीन होता है जिसे typing और navigation के लिए इस्तमाल किया जाता है। Example- iPAD ।
4. Servers
एक Server कुछ इसप्रकार का कंप्यूटर है जिसे हम Information के आदान प्रदान के लिए इस्तमाल करते हैं। उदहारण के तोर पे जब भी हम कोई चीज़ Internet में खोजते है वो सारी चीज़ें Server में ही store होती हैं।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर का उपयोग<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
कंप्यूटर का उपयोग कहाँ कहाँ होता है? देखा जाये तो कंप्यूटर का इस्तमाल हम अपने जीवन में हर जगह करते आ रहे हैं
और करते रहेंगे। ये हमारा एक अंग सा बन गया है। मैंने इसके कुछ इस्तमाल को आपकी जानकारी के लिए निचे लिखी हुई हैं।
शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का उपयोग: शिक्षा में इनका सबसे बड़ा हाथ है, अगर कोई स्टूडेंट को किसी चीज़ के बारे में जानकारी
चाहिए तब उसे कुछ मिनटों में ही ये जानकारी उपलब्ध हो जाती है इसकी मदद से। Research से पता चला है की कंप्यूटर की मदद से किसी भी
student की learning performance में काफी बढ़ोत्तरी हुई है। आजकल को घर बैठे ही Online Classes की मदद से पढाई की जा सकती है।
Health and Medicine: ये Health और मेडिसिन के लिए एक वरदान है। इसकी मदद से आजकल मरीजों का इलाज बहुत ही आसानी से हो जाता है।
आजकल सभी चीज़े digital हो गयी है जिससे बड़ी आसानी से रोग के बारे में पता चल जाता है और उस हिसाब से उसका इलाज भी possible है। इससे operation भी आसान बन गए हैं।
विज्ञान के छेत्र में कंप्यूटर का उपयोग: ये तो Science की ही देन है। इससे research में बहुत ही आसानी होती है।
आजकल एक नया ट्रेंड चल रहा है जिसे Collaboratory भी कहा जाता है जिससे दुनिया के सारे scientist एक साथ मिलकर काम कर सकते हैं,
इससे कुछ फरक नहीं पड़ता है की आप कोन से देश में मह्जूद हो।
Business: Business में इसका बहुत बड़ा हाथ है productivity और competitiveness को बढ़ने के लिए।
इसका इस्तमाल मुख्य तोर से Marketing, Retailing, Banking, Stock Trading में होता है। यहाँ सभी चीज़ें digital होने के कारण
इसकी processing बड़ी ही फ़ास्ट हो गयी है। और आजकल Cashless Transaction पे ज्यादा importance दिया जा रहा है।
Recreation and Entertainment: Entertainment के लिए ये एक नया अड्डा बन गया है,
किसी भी चीज़ों के बारे में आप बात करो जैसे Movies, Sports या resturants कहीं की भी बात करो इनकी इस्तमाल सभी जगह है।
Government: आजकल तो Government भी इनकी इस्तमाल के ऊपर ज्यादा focus दे रही है। यदि हम बात करें Traffic,
Tourism, Information & Broadcasting, Education, Aviation सभी जगह में इनके इस्तमाल से हमारा काम बहुत हो आसन हो गया है।
Defence: सेना में भी इनका इस्तमाल काफी हद तक बढ़ गया है। जिसकी
मदद से अब हमारी सेना और ज्यादा सशक्त बन गयी है। क्यूंकि आजकल सभी
चीज़ों को कंप्यूटर की मदद से control किया जाता है।
ऐसी बहुत से जगह हैं जहाँ हम इसका इस्तमाल करते हैं हमारी जरुरत के अनुसार।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर का भविस्य<<<<<<<<<<<<<<<<<
कंप्यूटर का भविष्य केवल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का ही नहीं,
बल्कि उनका उपयोग करने वाले लोगों का भी है। जैसे-जैसे हम कंप्यूटिंग के एक नए युग में आगे बढ़ते हैं,
यह स्वीकार करना महत्वपूर्ण है कि प्रौद्योगिकी का भविष्य इस बात से आकार लेगा कि हम इसके साथ कैसे बातचीत करते हैं।
कंप्यूटर एक घातीय दर से विकसित हो रहे हैं। इसका कारण कृत्रिम बुद्धिमत्ता में प्रगति है। भविष्य में,
कंप्यूटर हमें केवल जानकारी प्रदान करने और हमारी बुनियादी जरूरतों का ध्यान रखने के अलावा और भी बहुत कुछ करने
में सक्षम होंगे। वे उन कार्यों को करने में सक्षम होंगे जो वर्तमान में मनुष्यों द्वारा किए जाते हैं, जैसे कार चलाना या लेख लिखना।
कंप्यूटर के भविष्य में बहुत सारे बदलाव देखने को मिलेंगे। यह उपयोग करने के लिए और अधिक सहज और स्वाभाविक हो जाएगा।
यह डेटा को बहुत तेजी से प्रोसेस करने में सक्षम होगा। आजकल Scientists Optical computer, DNA Computer,
Neural Computer और Quantum Computer के ऊपर ज्यादा research कर रहे हैं । इसके साथ साथ ही Artificial Intelligence
के ऊपर भी बहुत ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है ताकि ये खुदबखुद अपना काम सुचारू रूप से कर सके।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर का इतिहास / पीढियां ( Generation of Computer In Hindi)<<<<<<<<<<<<<<
कंप्यूटर की जनरेशन से पता चलता है कि कंप्यूटर कैसे विकसित हुवा और कभी जो कंप्यूटर बहुत बड़े हुआ करते थे आज वे कैसे इतने छोटे हो गए,
और यह मानव की सबसे बड़ी जरुरत कैसे बन गया. कंप्यूटर के विकास को पांच पीढ़ियों में बांटा गया है.
कंप्यूटर की पहली पीढ़ी (First Generation of Computer In Hindi) 1940 to 1956
1940 से 56 तक विकसित हुए कंप्यूटर पहली पीढ़ी (First Generation ) के अंतर्गत आते हैं.
इस जनरेशन के कंप्यूटर में Circuitry के लिए Vacuum Tube और Memory के लिए Magnetic Drum का इस्तेमाल होता था.
यह कंप्यूटर आकार में इतने बड़े होते थे कि एक पुरे कमरे के जितनी जगह घेर लेते थे. और इनमें Machine Language का इस्तेमाल किया जाता था.
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (First Generation Computer Example) – ENAIC, UNIVAC, EDVAC.
कंप्यूटर की दूसरी पीढ़ी ( Second Generation of Computer In Hindi) 1956 to 1963
1956 से 63 तक बने बने कंप्यूटर दूसरी पीढ़ी (Second Generation) के अंतर्गत आते हैं
. इस जनरेशन के कंप्यूटर में Vacuum Tube के स्थान पर Transistor का उपयोग किया गया, साथ में इनका आकार भी कम हो गया था.
ये कंप्यूटर कम बिजली खर्च करते थे. इसमें इस्तेमाल होने वाली Programming COBOL, FORTRAN जैसे High Level Programming थी.
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (Second Generation Computer Example) – IBM 7094, CDC 1604, CDC 3600.
कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी (Third Generation of Computer In Hindi) 1964 to 1971
1964 से 71 तक बने कंप्यूटर तीसरी पीढ़ी (Third Generation) के अंतर्गत आते हैं. इस जनरेशन के कंप्यूटर में Transistor
की जगह Integrated Circuit (IC) का इस्तेमाल होने लगा. ये कंप्यूटर पहले दोनों जनरेशन के कंप्यूटर से Advance थे.
IC के इस्तेमाल से कंप्यूटर का आकार और छोटा हो गया था, और इनमें डेटा इनपुट करने के लिए Keyboard, Mouse का इस्तेमाल होने लगा.
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (Third Generation Computer Example) – IBM 360, ICL 2900
कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी (Forth Generation of Computer) 1971 to 1985
1971 से 1985 तक बने कंप्यूटर चौथी पीढ़ी के अंतर्गत आते हैं. इस जनरेशन के कंप्यूटर में Microprocessor
का इस्तेमाल किया गया. इसमें एक Integrated Circuit के अंदर ही हजारों Silicon Chip को Built किया गया. जिससे इन कंप्यूटर का आकर और छोटा हो गया.
ये कंप्यूटर बहुत Advance थे, ये आकर में छोटे होने के साथ – साथ टिकाऊ और सस्ते थे. इसी जनरेशन में Personal Computer भी बनने लगे.
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (Forth Generation Computer Example) – DEC 10, STAR 1000
कंप्यूटर की पांचवी पीढ़ी ( Fifth Generation of Computer ) 1985 to Present
1985 के बाद के बने सभी कंप्यूटर पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर के अंतर्गत आते हैं.
इस जनरेशन के कंप्यूटर ULSI (Ultra Large Scale Integration)
तकनीकी से बनाये गए हैं जिसमें एक Microprocessor Chip में लाखों Component को Built किया गया है.
आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस होने के कारण आने वाले कंप्यूटर खुद से ही निर्णय लेने में सक्षम हो सकेंगे.
पांचवी पीढ़ी के कंप्यूटर के उदाहरण (Fifth Generation Computer Example) – Desktop, Laptop
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>.भारत में कंप्यूटर का इतिहास (Computer History India in Hindi )<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
भारत में पहला कंप्यूटर सन 1952 में कोलकाता के भारतीय विज्ञान संस्थान के अन्दर डॉ. Dwijish Dutta के द्वारा लाया गया था जो कि एक Analog Computer था.
इसके बाद बेंगलुरु में भारतीय विज्ञान संस्थान के अन्दर एक Analog Computer लगाया गया था.
लेकिन भारत में कंप्यूटर युग की वास्तव में शुरुवात 1956 में हुई, जब कोलकाता के विज्ञान संस्थान में HEC-2M
नाम का कंप्यूटर लगाया गया था, इसे भारत का पहला Digital Computer भी कहा जाता है. इस कंप्यूटर
के आने के बाद भारत जापान के बाद एशिया का दूसरा देश बन गया था जिसने कंप्यूटर तकनीकी का इस्तेमाल किया.
इसके बाद 1966 में भारतीय सांख्यकी संस्थान कोलकाता और जावादपुर यूनिवर्सिटी ने मिलकर भारत में पहला
Digital Computer बनाया था. जिसका नाम ISIJU था. जो एक Transistor युक्त कंप्यूटर था.
इसके बाद भारत एक कंप्यूटर बनने लगे और भारत ने एक से बढ़कर एक सुपर कंप्यूटर बनाये.
भारत में बने सुपर कंप्यूटर (Super computer made in India hindi)
भारत में बने सुपर कंप्यूटर की List –
एका
अनुपम अध्या
सागा 220
परम युवा II
आदित्य
परम इशान
प्रत्युष
परम – सिद्धि
1 – System Software (सिस्टम सॉफ्टवेयर)
यह सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर को चलने और इसे नियंत्रण करने के लिए काम में आता है. यह भी चार प्रकार के होते हैं.
Operating System – यह एक प्रकार का कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो यूजर और कंप्यूटर के बीच समन्वय बैठाता है.
यह यूजर के द्वारा दिए गए निर्देशों को कंप्यूटर को समझाता है. जैसे – Windows, Android, IOS, Linux.
Utility Program – यह Software कंप्यूटर की सुरक्षा के काम आते हैं. इसका Direct Hardware से कोई सम्बन्ध नहीं होता है. जैसे – Anti Virus.
Language Translator Software – ये Software प्रोग्रामिंग भाषा का अनुवाद कंप्यूटर की मशीन भाषा में करते हैं.
Device Driver – ये एक Special प्रकार के Driver होते हैं जो Input और Output उपकरणों को कंप्यूटर से जोड़ने का काम करता है.
2 – Application Software (एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर)
Application Software वे Software होते हैं जो यूजर को कंप्यूटर में काम करने के लिए स्वतंत्रता देते हैं. इनका सीधा सम्बन्ध User से होता है ये भी दो प्रकार के होते हैं.
Basic Application Software – यह प्रोग्राम का वह समूह होता है जिसके द्वारा यूजर अपने सामान्य काम को करने के लिए प्रयोग में लाता है. जैसे – Word Processing Program,
Web Designing Program, Multimedia Program Etc.
Special Application Software -किसी विशेष काम को करने के लिए यूजर के द्वारा प्रयोग किये जाने वाले Software
को Special Application Software कहते हैं. जैसे – Accounting Software, Billing Software, Management System Software.
कंप्यूटर की विशेषताएँ (Feature of Computer In Hindi)
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं –<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
कंप्यूटर एक समय में लाखों गणनाएँ करने में सक्षम है जिसे मानव पुरे वर्ष में भी नहीं कर पाता.
कंप्यूटर के External और Internal Storage में असीमित डेटा को स्टोर कर सकते हैं.
कंप्यूटर के कार्य त्रुटिरहित होते हैं. अगर कंप्यूटर में कार्य में कोई गलती होती है तो वह इंसान के द्वारा Programming गलत करने से होती है.
आधुनिक कंप्यूटर एक साथ कई अलग – अलग कार्य करने में सक्षम हैं.
कंप्यूटर के इस्तेमाल से समय की बचत हुई.
कंप्यूटर की मदद से घर बैठे पैसे कमा सकते हैं.
कंप्यूटर के उपयोग (Uses of Computer In Hindi)
आज कंप्यूटर के सब जगह उपयोग किया जाता है. यह मानव की सबसे बड़ी जरूरतों में से एक बन गया है. कंप्यूटर का उपयोग अनेक जगह कर सकते हैं जैसे कि –
1 – शिक्षा के क्षेत्र में – आज शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर एक अभिन्न हिस्सा बन गया है. कंप्यूटर की मदद से बच्चो की सीखने की क्षमता को बढाया जा सकता है. School में बहुत कुछ कार्यों के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है जैसे – रिपोर्ट बनाना, ऑनलाइन Exam करवाना.
2 – बैंकिंग के क्षेत्र में – बैंक में लगभग सभी कामों के लिए कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है. जैसे Account Detail Check करना, पासबुक की प्रिंट निकलना ऐसे ही कई और कामों में कंप्यूटर इस्तेमाल होते हैं.
3 – चिकित्सका के क्षेत्र में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है.
4 – विज्ञान के क्षेत्र में कंप्यूटर से अपार सफलता मिली.
5 – ऑफिस में बिना कंप्यूटर के काम नहीं हो पाता है.
6 – दैनिक जीवन में कंप्यूटर का उपयोग करना मावन की दिनचर्या में जुड़ गया है.
7 – मनोरंजन में – अधिकतर लोग प्रतिदिन कंप्यूटर में गेम खेलकर मूवी देखकर अपना मनोरंजन करते हैं.
8 – रक्षा और सैन्य के क्षेत्र में – कंप्यूटर ने रक्षा और सैन्य के क्षेत्र में अपना अहम् योगदान दिया है. दुशमन की मिसाइल को कंप्यूटर के माध्यम से ट्रैक करके नष्ट किया जाता है.
9 – सरकारी कार्यालयों में – सरकारी कार्यालयों में कंप्यूटर के उपयोग ने जनता को सुविधा प्रदान कराई.
10 – Bussiness में – व्यवसाय को बढ़ाने के लिए हर कारोबारी कंप्यूटर का इस्तेमाल कर रहा है, कंप्यूटर व्यवसाय के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण टूल बन गया है.
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर का महत्व (Importance of Computer In Hindi)<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
आज के समय में इंसान के जीवन में हर समय कंप्यूटर की जरुरत होती है. घरों में, ऑफिस में, दुकानों में सब जगह कंप्यूटर देखने को मिल जाते हैं.
चाहे आप एक विधार्थी हो, हाउसवाइफ हो, या ऑफिस में काम करने वाले इंसान हो सभी के जीवन में कंप्यूटर का अपना महत्व है.
छात्रों के जीवन में कंप्यूटर का महत्व
आजकल छात्रों के जीवन में कंप्यूटर का अहम योगदान है. स्कूल के बच्चे कंप्यूटर से ही बहुत कुछ सीख लेते हैं. साथ में ही कंप्यूटर की मदद से तकनीकी क्षेत्र में छात्रों का ज्ञान बढ़ा है.
कंप्यूटर की मदद से विधार्थी खुद को बेहतर बनाते जा रहे हैं वे इन्टरनेट की मदद से नयी – नयी चीजें सीखते हैं. इसलिए छात्रों के जीवन में कंप्यूटर का महत्वा विशेष है.
शिक्षा
में कंप्यूटर का महत्व कंप्यूटर छात्रों के साथ – साथ शिक्षक के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण है. कंप्यूटर ने शिक्षा पद्धति को बदल दिया है जहाँ पहले बच्चों की हाजिरी, परीक्षा के अंक,
समय सारणी के लिए रजिस्टर का पर्योग किया जाता था वही आज इन रजिस्टर की जगह कंप्यूटर ने ले ली है.
कंप्यूटर के द्वारा ऑनलाइन क्लास भी चलाई जाती है जिससे घर से ही बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सके. शिक्षा के क्षेत्र में कंप्यूटर का योगदान अमूल्य है.
चिकित्सा के क्षेत्र में कंप्यूटर का महत्व
चिकित्सा के क्षेत्र में भी कंप्यूटर ने अहम योगदान दिया है, रोगी की रिपोर्ट, डॉक्टर की समय सारणी, दवाओं का स्टॉक सभी में कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है.
चिकित्सा के क्षेत्र में कंप्यूटर ने डॉक्टर और मरीज दोनों का काम आसान बना दिया है.
आधुनिक जीवन में कंप्यूटर का महत्व
आज हर किसी के घर में लैपटॉप या डेस्कटॉप होता है. कंप्यूटर ने इंसान के जीवन को सरल और आसान बना दिया है.
कंप्यूटर की मदद से आप अपने दूर बैठे रिश्तेदार से भी विडियो कालिंग के जरिये बातें कर सकते हैं.
घर में बैठे – बैठे बोर होने पर कंप्यूटर को मनोरंजन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं. अपने कई सारे काम कंप्यूटर की मदद से कर सकते हैं.
बैंको में कंप्यूटर का महत्व
बैंक के बहुत सारे काम कंप्यूटर ने आसान बना दिए हैं.
ग्राहकों के खाते की सारी जानकारी, लेन –
देन से सम्बंधित जानकारी के लिए बैंकों में कंप्यूटर का इस्तेमाल किया जाता है.
इन सब के अलावा कंप्यूटर ने हर एक क्षेत्र में अपना मूल्यवान योगदान दिया है इसलिए कंप्यूटर का महत्व सभी जगह है.
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर के फायदे (Advantage of Computer In Hindi)<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
कंप्यूटर में कोई डेटा को स्टोर करके रखा जा सकता है.
कंप्यूटर मानव के काम को आसान बनाता है.
कंप्यूटर की मदद से सेकंड में कोई भी काम कर सकते हैं.
एक समय में कंप्यूटर में कई अलग – अलग काम कर सकते हैं.
यह एक मशीन है इसलिए यह काम करने में थकती नहीं है हम जितना मर्जी उतना काम कंप्यूटर से करवा सकते हैं.
इन्टरनेट में मौजूद देश – दुनिया की जानकारी आप घर बैठे देख सकते हो.
आपके मनोरंजन का साधन है.
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर से हानियाँ (Disadvantage of Computer In Hindi)<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
जहाँ एक और कंप्यूटर के बहुत सारे फायदे हैं वहीँ दूसरी ओर इसके कुछ नुकसान भी हैं –
अधिक कंप्यूटर के प्रयोग से आखों को नुकसान पहुचता है.
सुरक्षा का खतरा बना रहता है क्योकि लोग अपने कंप्यूटर में अपनी पर्सनल जानकारी रखते हैं इसलिए हैकर आपकी जानकारी हासिल करने आपको नुकसान पंहुचा सकते हैं.
बिना काम के कंप्यूटर को इस्तेमाल करने से समय की बर्बादी होती है.
कंप्यूटर के आने से बहुत सारी नौकरियां ख़त्म हो गयी जिससे बेरोजगारी की समस्या भी बढ़ रही है.
>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर की विशेषताएं क्या है (Characteristics of Computer in Hindi)<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
कंप्यूटर का उपयोग करना दैनिक जीवन को और भी सुगम बना सकता हैं। कंप्यूटर के द्वारा बहुत से ऐसे मुश्किल या जटिल कार्य करवाए जा सकते हैं जो मानव द्वारा दक्षता के साथ नहीं किए जा सकते हैं।
तो आइए जानते कंप्यूटर की विशेषताएं क्या हैं (Characteristics of Computer in Hindi) जो कंप्यूटर को इतना शक्तिशाली बनाती हैं।
1. स्वचालन (Automation) :-
कम्प्यूटर समस्त गणना कार्य एवं डाटा प्रोसेसिंग कार्य स्वयं ऑटोमैटिक रूप से करता है।
इसमें व्यक्ति द्वारा एक बार डाटा प्रविष्ट करके निर्देश देने के बाद यह शेष समस्त कार्य स्वतः ही करता है।
अतः कम्प्यूटर द्वारा कार्य संपन्न करने में व्यक्तियों की आवश्यकता न्यूनतम रहती है।
यह, इसके प्रयोगकर्ता (operator) द्वारा संग्रहित प्रोग्राम या निर्देशों के अनुसार प्रक्रियांकन
कर निर्देशों के अनुरूप ही परिणाम या आउटपुट प्रदान करता है। अतः यह प्रक्रिया के दौरान प्रयोगकर्ता के
नियंत्रण के बिना स्वतः क्रियाशील रहता है और हमारे इच्छित परिणाम प्रदान करता है। अत: कम्प्यूटर में स्वचालन का गुण होता है।
2. गति (Speed):-
कम्प्यूटर्स का सबसे प्रथम, सबसे महत्त्वपूर्ण व सबसे बड़ा गुण गणना करने की उसकी तीव्र गति ही है।
कम्प्यूटर्स बिना त्रुटि किए आश्चर्यजनक उच्च गति (Speed) से कार्य सम्पादित करते हैं। जो कार्य सामान्य
व्यक्ति द्वारा कई घण्टों में पूर्ण किया जाता है वही कार्य कम्प्यूटर द्वारा एक सेकण्ड के भी अतिसूक्ष्म भाग में सम्पन्न हो जाता है।
कम्प्यूटर्स की गति को मिली सेकण्ड (10-3 सेकण्ड), माइक्रोसेकण्ड ( 10 सेकण्ड) व नेनो सेकण्ड (10 सेकण्ड) के पदों में मापा जाता है।
एक शक्तिशाली कम्प्यूटर बिलियन गणनाएँ सैकण्डों में पूर्ण कर लेते हैं। इसके अलावा कम्प्यूटर रात-दिन काम करते रहने के बावजूद थकता नहीं है। इसे आराम की आवश्यकता नहीं रहती।
3. परिशुद्धता (Accuracy):-
कंप्यूटर अपने कार्य को अत्यधिक परिशुद्धता के साथ व बिना त्रुटि के पूर्ण करता है।
यह समको या आंकड़ों ( डेटा) को प्रक्रिया में गुजारने (Processing) में कोई त्रुटि नहीं करता है। यह केवल गलत आँकड़े निवेश (Input)
करने पर या गलत निर्देश देने पर ही त्रुटिपूर्ण सूचनाएँ या परिणाम प्रेषित करता है।
विश्वसनीयता (Reliability) :
कंप्यूटर की स्मरणशक्ति व शुद्धता अत्यधिक उच्च स्तर की होती है,
जिस कारण कंप्यूटर में या इससे जुड़ी सभी प्रक्रियाएँ विश्वसनीय होती हैं।
कंप्यूटर में सुरक्षित आँकड़े एवं सूचनाएँ हम किसी भी अवधि के बाद पुन: उससे प्राप्त कर सकते हैं।
इस प्रकार कंप्यूटर्स, मानव से भी अधिक विश्वसनीय है क्योंकि ये मानव की तरह बार-बार दोहराने (Repetitive task) से कभी बोर होकर थकते नहीं हैं।
उच्च भण्डारण क्षमता (High Storage Capacity):
कंप्यूटर बड़ी मात्रा में समंकों (data) का भण्डारण कर सकता है। यह बहुत सारे दस्तावेजों (documents),
लेखों (artickes), चित्रों (Pictures), फिल्मों (Films), गानों (Songs), प्रोग्रामों (Programmes)
आदि का लंबे समय तक अपनी स्मृति में भण्डारण कर सकता है जो आवश्यकता पड़ने पर कभी भी उपयोग में लिए जा सकते हैं।
दूसरी ओर मानव अपनी स्मृति में कुछ ही सूचनाओं को संकलित कर (संजोकर) रख पाता है अधिकतर सूचनाओं को भूल जाता है।
इसके अलावा सूचनाओं व आँकड़ों के संग्रहण हेतु कंप्यूटर के साथ बाह्य संग्रहण डिवाइसेज होते हैं जिनमें हम कितने ही आँकड़े संग्रहित कर सकते हैं।
बहुआयामी या सार्वभौमिक उपयोगिता (Versatile) :
कंप्यूटर कई प्रकार के कार्य सम्पन्न कर सकता है। एक साथ भी इससे कई कार्य किए जा सकते हैं। इस पर किसी टेक्स्ट (text)
की टाइपिंग के दौरान या इस पर गेम खेलने के दौरान गाने सुने जा सकते हैं। किसी पेकेज पर कार्य के दौरान, गणना करना,
चित्र बनाना, ग्राफ बनाना, नेट को सर्फ करना, ई-मेल करना आदि कार्य सम्पन्न किए जा सकते हैं। इस प्रकार कंप्यूटर अब
मानव जीवन के अधिकांश कार्यों में व्यापक रूप से प्रयुक्त किया जाने लगा है। अब इसका प्रयोग शिक्षा, चिकित्सा, उद्योग,
वैज्ञानिक, खगोलशास्त्र, अंतरिक्ष अनुसंधान, बैंकिंग एवं वित्त, यातायात, खेलकूद, ज्योतिष, साहित्य एवं प्रकाशन आदि सभी क्षेत्रों में किया जाने लगा है।
मानव शक्ति की आवश्यकता में कमी (Reduction in Manpower):
पहले औद्योगिक इकाइयों और कारखानों में कार्य के लिए बड़ी संख्या में व्यक्तियों की आवश्यकता होती थी।
कंप्यूटर के उपयोग में लाने के बाद इन संस्थानों में वही कार्य, बिना त्रुटि के व अधिक परिशुद्धता के साथ केवल कुछ ही
व्यक्तियों की मदद से पूर्ण कर लिया जाता है। कंप्यूटर के आविष्कार व उपयोग ने मानव शक्ति की आवश्यकता को कम कर दिया है।
कागजी कार्य में कमी (Reduction in Paper Work):
कंप्यूटर के उपयोग ने संस्थानों में कागजी कार्य को काफी कम कर दिया है। हाल ही में भारतीय रेल की ई-टिकिट
बुकिंग में टिकिट का प्रिन्ट आउट (हार्ड कॉपी) लेकर यात्रा करने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया गया है। जिससे
A4 साइज के लगभग 3 लाख कागजों की दैनिक बचत सकेगी। कार्यालयों में भी कंप्यूटर के उपयोग से कागजी-कार्य में अत्यधिक कमी आई हैं।
बैंको में कागजी कार्य को काफी हद तक कम कर दिया गया है।
स्मृति में स्थित डाटा तीव्रता से खोजकर प्रस्तुत करने की क्षमता (Power of Recall):
एक व्यक्ति अपने जीवन में असंख्य गतिविधियाँ सम्पन्न करता है और वह केवल महत्त्वपूर्ण बातों
और गतिविधियों को ही ध्यान में रखता है। लेकिन कंप्यूटर इसकी स्मृति में स्थित सभी बातें,
चाहे वह महत्त्वपूर्ण हों या न हों, आवश्यकता पड़ने पर समान रूप से प्रयुक्तकर्ता को उपलब्ध कराता है
तथा यह सूचना बहुत वर्षों के बाद भी उतनी ही शुद्ध रहती है जितनी कि यह संगृहीत करते समय थी।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर की सीमाएँ क्या है ( Limitations of Computers in Hindi)<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
कंप्यूटर केवल निर्देशों के अनुसार कार्य करता है। इसमें स्वयं का कोई विवेक एवं सोचने-समझने की क्षमता नहीं होती अत: यह स्वयं कोई निर्णय नहीं लेता।
प्रायः वातानुकूलित वातावरण में अधिक कार्यकुशलता से कार्य करता है। अधिक तापक्रम वाले वातावारण मे इसकी कार्य-प्रणाली प्रभावित होती है।
कंप्यूटर में इस्तेमाल भाषा व साफ्टवेयर की सीमाएँ इसके उपयोग को कठिन बनाती है।
काफी लोगों के आर्थिक स्तर से इसकी अधिक कीमत होना इसके उपयोग से सीमित करता है।
त्रुटि सुधार क्षमता का अभावः कंप्यूटर में स्वयं त्रुटि सुधार क्षमता का अभाव होता है।
अतः जब तक इसका प्रयोगकर्ता इसे सही निर्देश नहीं दे तब तक यह स्वयं के स्तर पर सही परिणाम नहीं दे सकता।
अत: यदि इसे मूलतः कोई निर्देश गलत दे दिया गया हो यह स्वयं के स्तर पर उसमें
कोई सुधार नहीं कर सकता तथा उसी गलत निर्देश या इनपुट के आधार पर ही परिणाम देगा।
समय के साथ अप्रचलनः कंप्यूटर नवीनतम तकनीकी पर आधारित होता है।
चूंकि तकनीकी में नित नए अनुसंधान हो रहे हैं तथा इसमें उत्तरोत्तर नये उन्नत कंप्यूटरों का विकास हो रहा है।
इसमें प्रयुक्त विभिन्न उपकरणों में समय के साथ तीव्र गति से सुधार हो रहे हैं।
फलस्वरूप एक छोटे समय में ही पूर्व में क्रय किये गये कंप्यूटर व प्रोग्राम पुराने हो जाते हैं, फलतः पुनः नये उपकरण व प्रोग्राम क्रय करने पड़ते हैं जो व्यक्ति पर आर्थिक बोझ होता है। ,
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>कंप्यूटर वायरस (Computer Virus)<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
कंप्यूटर वायरस एक ऐसा कंप्यूटर प्रोग्राम होता है जो स्वयं की नकल कर सकता है और एक कंप्यूटर को संक्रमित कर सकता है। यह कंप्यूटर की फाइल प्रणाली व आँकड़ों को नष्ट कर देता है। कंप्यूटर वायरस शीघ्रता से एक से अधिक कंप्यूटर में फैल जाता है।
FLOPs- Floating-Point Operations Per second : सुपर कंप्यूटर की कार्यक्षमता मापने का पैमाना।
MIPs- Million Instructions Per second : एक साधारण कंप्यूटर की कार्यक्षमता के मापन का पैमाना।
कंप्यूटर हार्डवेयर (Hardware):
कम्प्यूटर और उससे संलग्न सभी यंत्रों और उपकरणों को हार्डवेयर कहा जाता है। इसके अन्तर्गत केन्द्रीय संसाधन एकक, आंतरिक स्मृति, बाह्य स्मृति, निवेश एवं निर्गम एकक आदि आते हैं।
Computer सॉफ्टवेयर (Software) :-
कम्प्यूटर के संचालन के लिए निर्मित Program को सॉफ्टवेयर कहा जाता है।
>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>.कम्प्यूटर की भाषाएँ क्या है (Language of Computer in Hindi) :<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<<
Types of Language of Computer in Hindi कम्प्यूटर भाषा को निम्न तीन वर्गों में बाँटा जा सकता है-
1. मशीनी भाषा (Machine Code Language)
2. एसेम्बली कूट भाषा (Assembly Code Language
3. उच्च स्तरीय भाषाएँ (High Level Languages)
1. मशीनी कूट भाषा (Machine Code Language):-
इस भाषा (प्रत्येक आदेश के दो भाग होते हैं—आदेश कोड (Operation Code) (तथा स्थिति कोड (Location Code)। इन दोनों को 0 व 1
के क्रम ३ समूहित कर व्यक्त किया जाता है । कम्प्यूटर के आरंभिक दिनों में लोग्रामर द्वारा कम्यूटर को आदेश देने के लिए 0 तथा 1 के विभिन्न प्रमों का ही प्रयोग किया जाता था।
2. एसेम्बली भाषा (Assembly Language) :
इस भाषा में याद छे जाने लायक कोड का प्रयोग किया गया, जिसे नेमोनिक कोड कहा या। जैसे ADDITION के लिए ADD, SUBSTRACTION
के नए SUB एवं JUMP के लिए JMP लिखा गया । परन्तु इस भाषा का योग एक निश्चित संरचना वाले कम्प्यूटर तक ही सीमित था, अतः उभाषाओं को निम्न स्तरीय भाषा कहा गया।
3. उच्च स्तरीय भाषाएँ (High Level Languages) :
उच्च गीय भाषाओं के विकास का श्रेय IBM कम्पनी को जाता है। फॉरट्रान FORTRA.N)
नामक पहली उच्च स्तरीय भाषा का विकास इसी कम्पनी प्रयास से हुआ। इसके बाद सैकड़ों उच्च
स्तरीय भाषाओं का विकास तिहा। ये भाषाएँ मनुष्य के बोलचाल और लिखने में प्रयुक्त होने वाली याओं के काफी करीब है।
कुछ उच्चस्तरीय भाषाएँ निम्न हैं
कंप्यूटर क्या है (Computer kya hai) FaQ
Q.1. कंप्यूटर क्या है कंप्यूटर के प्रकार?
उतर :- कंप्यूटर’ शब्द की उत्पत्ति ‘Compute’ (कम्प्यूट) शब्द से हुई है जिसका अर्थ गणना करना होता है। इसीलिए Computer
को आमतौर पर एक गणना करने वाली मशीन माना जाता है जो तीव्रगति से अर्थमैटिक रूप से ऑपरेशन्स को संचालित कर सकती है।
Q.2. कंप्यूटर के कितने भाग होते हैं?
उतर :-
प्रत्येक कंप्यूटर पांच भाग होते हैं :-
(i) निवेश या इनपुट ईकाई (Input Unit)
(ii) स्मृति (Memory)
(iii) गणितीय एवं तार्किक ईकाई (ALU)
(IV) कण्ट्रोल यूनिट (Control Unit)
(V) निर्गत या आउटपुट ईकाई (Output Unit)
Q.3. कंप्यूटर का पूरा नाम क्या है?
उतर :- Commonly Operating Machine Particularly Used in Technology Education and Research.
Q.4. कम्प्यूटर कितने प्रकार के होते हैं?
उतर :-डिजिटल/अंकीय कंप्यूटर
एनालॉग या अनुरूप कंप्यूटर ( Analog Computers ):
Q.5. हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्या है?
उतर :- कंप्यूटर हार्डवेयर (Hardware):
कम्प्यूटर और उससे संलग्न सभी यंत्रों और उपकरणों को हार्डवेयर कहा जाता है। इसके अन्तर्गत केन्द्रीय संसाधन एकक, आंतरिक स्मृति, बाह्य स्मृति, निवेश एवं निर्गम एकक आदि आते हैं।
Computer सॉफ्टवेयर (Software) :-
कम्प्यूटर के संचालन के लिए निर्मित जाग्रामों को सॉफ्टवेयर कहा जाता है।
Q.6. विश्व का प्रथम कंप्यूटर कौन सा है?
उतर :- एनिऐक (ENIAC)
Q.7. कंप्यूटर की परिभाषा क्या है हिंदी में?
उतर :-कम्प्यूटर एक ऐसी इलेक्ट्रानिक युक्ति है जो इनपुट किये गये डाटा व निर्देशों के समूह (Instructions) को पढ़कर, इनका तीव्र गति व परिशुद्धता से प्रक्रियांकन (Processing) कर वांछित निर्गत (परिणाम-output) प्रदान करती है। कम्प्यूटर कई प्रकार के उपकरणों को जोड़कर (assemble कर) बनाई गई मशीन है।
Q.8. डब्ल्यू डब्ल्यू का फुल फॉर्म क्या होता है?
उतर :- world wide Web
Q.9. कंप्यूटर का आविष्कार कब और किसने किया था?
उतर :- चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक (पिता) कहा जाता हैं ।
Q.10. कंप्यूटर के जनक का नाम क्या है?
उतर :- चार्ल्स बैबेज को कंप्यूटर का जनक (पिता) कहा जाता हैं ।
Comments
Post a Comment